परम पिता की हम स्तुति
परम पिता की हम स्तुति गायें,
वही है जो बचाता हमें,
सारे पापों को करता क्षमा,
सारे रोगों को करता चंगा |
धन्यवाद दें उसके आंगनो में,
आनंद से आएं उसके चरनों में,
संग गीत गा कर ख़ुशी से
मुक्ति की चट्टान की जय ललकारें |
वही हमारा है परम पिता,
तरस खता है सर्व सदा,
पूरब से पश्चिम है जितनी दूर
उतनी ही दूर किये हमारे कुसूर |
माँ की तरह उसने दी, तसल्ली
दुनिया के खतरों में छोड़ा नहीं,
खालिस दूध कलाम का दिया
और दी हमेशा की ज़िन्दगी |
चरवाहे की मानिंद ढूंढा उसने,
पापों की कीच से निकाला हमें,
हम को बचाने को जान अपनी दी
ताकि हाथ में हम उसके रहें |
घोंसले को बार-बार तोड़कर उसने
चाहा की सीखें हम उड़ना उससे,
परों पर उठाया उकाब की तरह
ताकि हम को चोट न लगें|