श्री गणेश की वंदना कर पढ़े: मनोकामना पूर्ति मंत्र
विघ्नों के नाश व मंगल विधान के लिए मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः। द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः। द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
‘गणपति, विघ्नराज, लम्बतुण्ड, गजानन, द्वैमातुर, हेरम्ब, एकदन्त, गणाधिप, विनायक, चारुकर्ण, पशुपाल और भवात्मज- ये बारह गणेशजी के नाम हैं। जो प्रातःकाल उठकर इनका पाठ करता है, संपूर्ण विश्व उनके वश में हो जाता है तथा उसे कभी विघ्न का सामना नहीं करना पड़ता।’
मोक्ष प्राप्ति के लिए स्तोत्र :
परमं धामं, परमं ब्रह्म, परेशं परमेश्वरं विघ्ननिघ्नं करं शांतं पुष्टं कांतमनंतकम सुरा सुरेंद्रे सिद्धेन्द्रे स्तुतं स्तोमि परात्परम, सुर पद्म दिनेशं च गणेशं मंगलाय नम:, इदं स्तोत्रं महापुण्यं विघ्नशोक हरं परम यह पठेत् प्रातरुत्थाय सर्व विघ्नात् प्रमुच्यते।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गणेश मंत्र
ॐ नमो विघ्नराजाय, सर्वसौख्य प्रदायिने, दुष्टारिष्ट विनाशाय पराय परमात्मने > लंबोदरं महावीर्यं, नागयज्ञोपज्ञोभितम अर्धचंद्र धरं देहं विघ्नव्यूह विनाशनम्
ॐ ह्रां, ह्रीं ह्रुं, ह्रें ह्रौं हेरंबाय नमो नम:
सर्व सिद्धिं प्रदोसि त्वं सिद्धि बुद्धि प्रदो भवं
चिंतितार्थं प्रदस्तवं हीं, सततं मोदक प्रियं
सिंदूरारुण वस्त्रैश्च पूजितो वरदायक:
इदं गणपति स्तोत्रं य पठेद् भक्तिमान नर:
तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीं निर्मुंजति।
संतान प्राप्ति हेतु मंत्र
ॐ नमोस्तु गणनाथाय, सिद्धिबुद्धि युताय च सर्व प्रदाय देहाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च
गुरुदराय गरबे गोपुत्रे गुह्यासिताय ते
गोप्याय गोपिता शेष, भुवनाय चिदात्मने
विश्व मूलाय भव्याय, विश्व सृष्टि कराय ते
नमो नमस्ते सत्याय, सत्यपूर्णाय शुंडिने
एकदंताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:
प्रपन्न जन पालाय, प्रणतार्ति विनाशिने
शरणंभव देवेश संततिं सुदृढ़ां कुरु
भविष्यंति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक:
ते सर्वे तव पूजार्थं निरता: स्युर्वरोमत:
पुत्र प्रदं इदंस्तोत्रं सर्वसिद्धिप्रदायकम।
समाप्त