श्री गुरु गोरखनाथ का शाबर मंत्र
ॐ वज्र में कोठा, वज्र में ताला
वज्र में बंध्या दस्ते द्वारा
तहां वज्र का लग्या किवाड़ा
वज्र में चौखट, वज्र में कील
जहां से आय, तहां ही जावे
जाने भेजा, जांकू खाए
हमको फेर न सूरत दिखाए
हाथ कूँ, नाक कूँ, सिर कूँ
पीठ कूँ, कमर कूँ, छाती कूँ
जो जोखो पहुंचाए
तो गुरु गोरखनाथ की आज्ञा फुरे
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति
फुरो मंत्र इश्वरोवाचा ||
मंत्र प्रयोग विधि : – सात कुओं से जल लाकर इस जल को एक पात्र में एकत्रित कर रोगी को स्नान कराये | रोगी को स्नान कराते समय उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करते रहे | वशीकरण व किये-कराये के प्रभाव से रोगी को तुरंत आराम मिलेगा |
ॐ नमो महादेवी
सर्वकार्य सिद्धकर्णी जो पाती पुरे
ब्रह्मा विष्णु महेश तीनो देवतन
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति
श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ||
मंत्र प्रयोग विधि : – सांसारिक जीवन में आने वाली सभी पीडाएं और बाधाएं इस शाबर मंत्र के जाग्रत करने से दूर होने लगती है | इसलिए समस्या कोई भी इस शाबर मंत्र के प्रयोग से दूर होती है | उपरोक्त मंत्र का शाम को 6 बजे के बाद कभी भी उच्चारण किया जा सकता है | इस मंत्र का नियमित कम से कम 27 बार जप करना चाहिए |